व्यंजना

क्यों चाहूँ नया जन्म, क्यों चाहूँ मोक्ष

- जय वर्मा


अगला जन्म मैंने देखा नहीं

पूर्व जन्म मुझे याद नहीं

देख ली प्यार की दास्ताँ यहीं

स्वर्ग , नर्क दोनों हैं धरा पर यहीं

उमंग दिलों में चतुर्दिशाएं देखीं

पर्व-उत्सव नव चेतना देखी

बसंत ऋतू में अंकुरित धरा देखी

मन के आँगन में नृत्य-रत वर्षा देखी

रिश्तों को सार्थक होते देखा

श्रृद्धा-श्रद्धेय का सिद्धांत देखा

भोर में सुनहरे रंगों को देखा

सूर्य ,चंद्र एवं तारों को संग देखा

जीवन का सुख नयनों में देखा

बांसुरी की धुन में स्पर्श देखा

मंझधार की तरंगों को झूमते देखा

अँधेरी गलियों में आशा का दीप देखा

क्यों चाहूँ नया जन्म , क्यों चाहूँ मोक्ष

.....................................


जब साजन घर आए

-जय वर्मा


जब साजन घर आए

शाम ढले साजन घर आए मैं दुल्हन सी शरमाऊं

हुई बावरी मैं तो घर का हर एक दीप जलाऊं

कदमों की आहट सुनते ही चौखट के पीछे छुप जाऊं

छुपा-छुपी के खेल-खेल में अपनी सुध-बुध खो जाऊं

मन पर न काबू दिल की धड़कन न रोक मैं पाऊं

आज पिया मिलन की आस में गदगद मैं हो जाऊं

सहमी और शरमाई मैं साजन से नैन न मिला पाऊं

आंचल भी साथ न दे मैं खुद में सिमट रह जाऊं

दबे पांव चलकर मैं दर के पट खोल आऊं

पलकें झुकी हुई मैं अभिनंदन भी भूल जाऊं

जग की न मुझे खबर कोई मैं बावरी हो जाऊं

मैं तो दिवानी साजन के रंग में ही रंग जाऊं



.....................................



JaiVerma

श्रीमती जय वर्मा


नाम: श्रीमती जय वर्मा


जन्म: जिवाना, मेरठ, भारत


निवास 1971 से ब्रिटेन में शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा रुद्रपुर नैनीताल, बी.ए. रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज मेरठ. विश्वविद्यालय. नॉटिंघम यूके. से बी. टैक वित्त, नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय से एडवांस डिप्लोमा एवं पोस्ट ग्रैजुएट सर्टिफिकेट इन मैनेजमेंट संप्रति: हेल्थ सर्विस में प्रैक्टिस प्रबंधक 15 वर्षों तक कलानिकेतन हिंदी स्कूल नॉटिंघम में हिंदी शिक्षिका से सेवानिवृत्त लैंग्वेज सेंटर नॉटिंघम में 1988-89 तक हिंदी भाषा कोऑर्डिनेटर बी.बी.सी.स्थानीय रेडियो पर हिंदी कार्यक्रम प्रस्तुति सन 1980 से 10 वर्ष तक बैडमिंटन शिक्षिका


सक्रिय: काव्य रंग साहित्यिक संस्था की संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष, नॉटिंघम एशियन आर्ट्स काउंसिल की डायरेक्टर, फेस्टिवल ऑफ वर्ड्स की बोर्ड मेंबर साहित्यिक: 2003- 11 तक गीतांजलि बहुभाषीय साहित्यिक समुदाय ट्रैन्ट की संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष 2011 से काव्य रंग साहित्यिक संस्था की संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष नॉटिंघम हिंदी रीडिंग ग्रुप के संस्थापक 2015 में नॉटिंघम को यूनेस्को का साहित्यिक शहर बनवाने में सक्रियता विश्व हिंदी : विश्व हिंदी सम्मेलन लंदन यूके. 1999 न्यू यॉर्क यू.एस.ए. 2007 सम्मेलन: जोहान्सबर्ग साउथ अफ्रीका 2012, भोपाल भारत 2015 में भागीदारी :मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी 2006 और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी भारत 2007 में कॉन्फ्रेंस आफ साउथ एशियन लैंग्वेज एंड लिटरेचर( icosal) में हिंदी की सहभागिता भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय में वक्तव्य उपलब्धि: श्री बी.एल. गौड़ द्वारा संपादित कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक कर्मयोगी: लेखिका जय वर्मा, यू.जी.सी. (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) स्नातक में कहानी संलग्न, महाराष्ट्र बोर्ड में कविता ,अरुणाचल प्रदेश में स्नातक पाठ्यक्रम में कहानी एवं कविता तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर में परिचय संलग्न. श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी के एम.ए. पाठ्यक्रम में कहानी सम्मिलित। सम्मान: हाई शेरिफ अवार्ड 2022, लॉर्ड मेयर आफ नॉटिंघम सम्मान, रोबिन हुड नॉटिंघमकिले मैं कविता एवं नाम अंकित 2021 नॉटिंघम के नागरिकों की चित्र प्रदर्शनी में छायाचित्र प्रदर्शित 2012, डॉ हरिवंश राय बच्चन हिंदी सम्मान भारतीय उच्चायोग लंदन 2018, राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा प्रवासी भारतीय साहित्यकार पुरस्कार 2009 , अक्षरम प्रवासी हिंदी सेवा सम्मान 2008, कथा यूके प्रवासी संसार रचनाकार सम्मान हाउस आफ कॉमन्स लंदन 2018 ,ब्रिटेन एवं भारत में विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित। प्रकाशन : कविता संग्रह सहयात्री हैं हम 2009 कहानी संग्रह सात कदम 2017, सीमा पार से आलेख/ निबंध 2022 संपादन: ब्रिटेन की प्रतिनिधि हिंदी कहानियां, 2022, कलर्स ऑफ पोएट्री, 2012, लैंग्वेज सेंटर नॉटिंघम में पाठ्यक्रम की 31 किताबों का अनुवाद लेखन एवं हिंदी पुस्तक संयोजक 1988 में सह संपादन: हिंदी की विश्व यात्रा और सांस्कृतिक प्रदूषण संपादकीय मंडल: पुरवाई हिंदी पत्रिका लंदन में


Website:www.jaiverma.co.uk


Wikipedia:https://en.wikipedia.org/wiki/jai_verma


E-mail:jaiverma777@yahoo.co.uk