व्यंजना

श्रीहरि

- कुमकुम कुमारी


श्रीराम मेरे भगवान मेरे,

नित-नित मैं जपूँ बस नाम तेरे।

काशी में रहूँ या रहूँ मैं कहीं,

प्रभु आप रहें स्मरण में मेरे।।

असुरों ने जब अत्याचार किया,

धर्म-कर्म को उसने नाश दिया।

तब लेकर नव-नव अवतार प्रभु,

आपने असुरों का संहार किया।।

जब दैत्य ने वेद चुरा लिया,

और ज्ञान का दीप बुझा दिया।

वेदों को ढूँढने के खातिर,

मत्स्य रूप तब प्रभु ने लिया।।

देवों पर हरि ने उपकार किया,

पृष्ठ पर मथनी को बाँध लिया।

क्षीरसागर मंथन करने को ,

प्रभु कच्छप रूप अवतार लिया।।

जब हिरण्याक्ष ने घोर पाप किया,

पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया।

तब वराह रूप धर प्रभु आपने,

पृथ्वी को समुद्र से निकाल लिया।।

हिरण्यकश्यप ने अनाचार किया,

अपने पुत्र को घोर कष्ट दिया।

तब प्रह्लाद की रक्षा के खातिर,

प्रभु आपने नृसिंह अवतार लिया।।

प्रभु आपने अद्भुत काम किया,

तीन कदम में लोक नाप लिया।

राजा बलि का मद तोड़ने को,

वामन रूप में अवतार लिया।।

प्रभु धृष्ट क्षत्रियों का नाश किया,

वैदिक संस्कृति का विस्तार किया।

प्राकृतिक सौंदर्य जीवंत रहे,

परशुराम रूप में अवतार लिया।।

अंहकारी रावण का वध किया,

मर्यादित जीवन का संदेश दिया।

त्याग और तप का अर्थ बताने ,

श्रीराम रूप में अवतार लिया।।

शक्ति का संतुलन बिगड़ गया,

और मानव हो गया बेहया।

धर्म की स्थापना के खातिर,

तब श्रीकृष्ण ने अवतार लिया।।

दुष्टों ने जब-जब पाप किया,

धर्म का जब भी नाश किया।

जीवन का मर्म बताने को,

श्री हरि ने तब अवतार लिया।।

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होली


आया होली का त्योहार,

छाया सबपे खुमार।

लेकर रंग गुलाल,

देखो आए नंदलाल।।

संग लेकर ग्वाल-बाल,

पहुंचे राधा के द्वार।

करने मस्ती अपार,

सुंदर है यह त्योहार।।

लेकर हरी गुलाबी रंग,

राधा आई गोपियों संग।

करने रंगों की बौछार,

आज कान्हा आए द्वार।।

बजने लगे ढोल-नागाड़,

उसपे थिरके नर-नार।

भाईचारे का मिसाल,

बना होली का त्योहार।।

उड़े रंगों की फुहार,

चले वसंती बयार।

मिटा के समस्त विकार,

करें प्रेम का व्यापार।।

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Kumkum

|| कुमकुम कुमारी ||


*परिचय*


नाम: कुमकुम कुमारी "काव्याकृति"


संप्रति: शिक्षिका (बिहार सरकार)सह लेखिका


लेखन: कविता ,कहानी,एकांकी,आलेख, संस्मरण,समीक्षा आदि।


प्रकाशित पुस्तक: काव्य संग्रह "काव्य कुमकुम"


साझा संकलन :दिल कहता है, भारत भूमि,वक्त की आवाज, शौर्य प्रकाश,बलिदान को नमन,काव्य विविधा, नवधाभक्ति आदि


विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकों में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन।


विद्यावाचस्पति सम्मान 2021


भारत गौरव सम्मान 2022


(विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ)


शिक्षा मार्तण्ड सम्मान 2022 (श्री मौनतीर्थ हिंदी विद्यापीठ, उज्जैन)


सहित देश के विभिन्न साहित्यिक संस्थानों द्वारा सम्मानित।


मोबाइल न०: 7004103516


Email: sinhakumkum2016@gmail.com


मुंगेर, बिहार


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