व्यंजना

दिल डूबा देता हमें

- श्री हरिहर झा


दिल डूबा देता हमें, मस्तिष्क की जय हो।

खुले जाते तीव्र प्रगति

के नवीन अध्याय

ईर्ष्यारत प्रतियोगिता

विकास का पर्याय

तनावों के पर्वत की,ऊँचाइयाँ तय हो।

प्रीत है कमजोरी,

पास भी ना फटकने दो

उलझाते अश्रुओं को

यूं ना भटकने दो

दुखप्रद है प्रेम बंधन, बाँध ले ना, भय हो।

बोल मीठे फुसलाते

बहका दे ना कहीं

उत्तेजना भड़की हुई

डूबा दे ना कहीं

भिगोए बहकर धारा,उस प्रेमका क्षय हो।

कानून की बेड़ी ने

प्यार को देखा कब

न्याय और अन्याय में

विवाद चले जब जब

पराजय हो आँसू की, अशांति की विजय हो।

घोटाले, काण्ड में ना

अपराधी-बोध हो

साइबर जासूसी में

हेकिंग पर शोध हो

दिमाग के बवंडर में धड़कनों का लय हो।

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आए जीवन में परिवर्तन

- श्री हरिहर झा की कविताएं


ज्ञानी का तप,

मिलता जाए फल

पीढ़ी दर पीढ़ी, आए जीवन में परिवर्तन।

सूरज चन्दा घूमे कैसे,

कैसे इनकी चलती गाड़ी

जाँची शरीर की नस नस पर

ना पाई प्रज्ञा की नाड़ी

जड़ तो जड़ है, समझा

कैसे जाना जाए चेतन आए जीवन में परिवर्तन।

कष्टों के जाले छूमंतर,

भोगों से तो नहीं अघाए

बयार पैदा करली ठण्डी,

सुख-साधन लो सभी जुटाए

हे बक्से के इन्द्र!

देखो उर्वर्शी का नर्तन आए जीवन में परिवर्तन।

न्यायालय अपराधी जाँचे,

सच्चे झूठे सबूत आए

गाँधी हम सब, भीतर हिटलर,

जीवन बोरिंग ना हो पाए

भाईचारे से रहते पर

खड़ खड़ हो जाते हैं बर्तन आए जीवन में परिवर्तन।

घोघे मिलते सागर में से,

हीरों का रहता मंसूबा

सब कुछ पाकर जीवन, जैसे

कितना खालीपन में डूबा

जप तप मूरत-पूजा के संग

चला हरि का कीर्तन, आए जीवन में परिवर्तन।

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HariharJha

श्री हरिहर झा


बीएआरसी में वैज्ञानिक-अधिकारी के पद पर कार्य करने के पश्चात हरिहर झा30 वर्ष पहले मेलबोर्न आये। मौसम विभाग में वरिष्ठ सूचना अधिकारी के रूप में कार्य कर सेवा निवृत्त हुये। ’भीग गया मन’, ’Agony Churns My Heart’ ,’फुसफुसाते वृक्ष कान में’, ‘दुल्हन सी सजीली’ - इनके कविता-संग्रह निकल चुके हैं। ’Boundaries of the Heart’ (Galaxy Publication), ’Hidden Treasure”, ’देशान्तर’(हिन्दी अकादमी,दिल्ली), ’गुलदस्ता’(भारतीय विद्या भवन),बूमरैंग (किताबघर प्रकाशन), नवगीत-२०१३, VerbalArts(GJPP Author Press) आदि १४संकलनो में इनकी रचनाएँ संकलित हैं। प्रलेक प्रकाशन समूह द्वारा जारी ’२१वी सदी केअंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ व्यंग्यकार’ की सूची में चयन। ’इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ पोयट्स’ समेत दो अंतरराष्ट्रिय संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं। हिन्दी व अंग्रेजी कविता-लेखन में योगदान के लिये भारतीय प्रौढ़ संघ, मेलबोर्न( NRISA ) ने इन्हें ’Community Service Award (2013)’ प्रदान किया। इसी वर्ष परिकल्पना हिन्दी भूषण सम्मान भी मिला। 2015 मेंअनहद कृति द्वारा काव्य-प्रतिष्ठा-सम्मान मिला। भारतीय साहित्य और कला संस्था (ILASA) द्वारा लाइफ-अचीवमेंट-सम्मान(2021)


’इंटरनेशनल लाइब्रेरी इन पोयट्री’ ने इनकी दो कविताओं को ’Sound of Poetry’ ( कविता-एलबम) में शामिल किया। इनकी खुद की कविताओं पर दो संगीतबद्ध एलबम भी निकल चुके हैं। हिन्दी साहित्य भारती (आस्ट्रेलिया) के महामंत्री(विक्टोरिया) । ’रामकाव्यपीयूष’. ’कृष्ण काव्य पीयूष’ आदि के संपादक मंडल में शामिल तथा ’हिन्दी-पुष्प’ और ’हिन्द-युग्म’ को रचनात्मक सहयोग दिया। रेडियो व टीवी पर कविता पाठ।


kritya (English), साहित्य-कुंज,लेखनी boloji(English),PoemHunter (English)),अनुभूति, कृत्या, हिन्द-युग्म, सृजनगाथा, आखर कलश, काव्यालय, परिकल्पना, स्वर्ग-विभा, रचनाकार, सृजन गाथा, हायकु दर्पण, हिन्दी चेतना, ई-कल्पना पत्रिका, गर्भनाल, हिन्दी-गौरव, भारत दर्शन आदि अनेक साहित्यिक वेब-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित।


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