अंतरीपा ठाकुर मुखर्जी, अकादमी साउथ एशियन डान्स यू.के की हेड ओफ़ मार्केटिंग और रॉयल सोसायटी ऑफ़ आर्ट्स की फ़ेलो, की रूचि स्कूल और कॉलेज की पत्रिकाओं में हिंदी खंड का सम्पादन करते हुए कथा एवं कविता लिखने में बढ़ी। ब्रिटिश काउन्सिल दिल्ली में कार्यरत रहते हुए उन्होंने टीवी चैनल ऐक्टिव इंग्लिश पर आने वाले कार्यक्रमों के हिंदी अनुवाद में भी योगदान दिया। उन्हें हिंदी साहित्य के दिग्गज मुंशी प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद का लेखन प्रेरणादायक लगता है। बहुभाषीय अंतरीपा अस्समिया तथा बंगाली में भी कुशल हैं। वे असम साहित्य सभा से जुड़ी हैं और लंदन में बंगाली नाटक दल, ड्रैमटिस्ट, की सदस्य भी हैं| वातायन यू.के के सौजन्य से वह मातृभाषा से जुड़ी रहना चाहती हैं।