व्यंजना

हरदीप सबरवाल की कविताएं

हरदीप सबरवाल


वर्चस्व

वर्चस्व के लिए कायम किए गए राज्य,

किए गए युद्धों के उद्घोष,

गरजे जोश से लबरेज नारे,

वर्चस्व के लिए स्थापित हुए धर्म,

और हुए धर्मयुद्धों के अभिषेक,

और गूंज उठे धर्म के बोल,

ये और बात रही लेकिन,

इन युद्धों में जो सबसे आगे रहे,

या जिनकी आवाज रही नारों में पीछे,

उनके लिए युद्ध वर्चस्व के नहीं

आजीविका के रहे…..

बेहोशी

खुद को एनेस्थीसिया देने जैसा होता है,

जानते बूझते हुए भी,

गलत बात का प्रतिरोध ना कर पाना,

और इसके बाद जो बेहोशी आती है,

कमबख्त उम्र भर बनी तो रहती ही है,

टीसती भी रहती है अंत तक….

भर जाना

भरे हुए कान

इतने ज्यादा फैल जाते हैं,

कि ढक लेते हैं आंखों को भी,

इतना कि दिखता वही है जो कान दिखाते हैं ,

लेकिन फिर जब

कान जब खाली होते हैं

जाने क्यों

आंखे खुद ब खुद भर आती हैं……

ये भी

सारे आलिंगन प्रेममय नहीं निकले,

ना जाने कितने चुंबन स्पर्शहीन बने रहे,

अस्वीकृत पड़ी रही अनगिनत स्वीकारोक्तियां,

ना जाने कितनी कविताओं ने लादा खुशी से अकविता को,

वो जो चर्चित बने रहे अपने नायकत्व को लेकर,

आसानी से गुमनाम हुए उनके भीतर बसे खलनायक,

सिर्फ अंधेरे ने ही नहीं लीलना चाहा रोशनी को,

उजाले में भी दफन हुए कितने टुकड़े अंधेरे के……

संभावना

कंक्रीट की दीवार में

गलती से गिरा एक बीज भी,

कई बार संभावना तलाश लेता है पनपने की,

दीवार फाड़ कर निकल अकेला चमकता,

अपने होने का दावा कर,

इंसानी संभावनाएं

बड़े नगरों में फैलती झुग्गी बस्तियों में,

अपनी जड़ों के लिए तलाशती मिट्टियां,

संभावनाएं सिर्फ पनपने के लिए ही नहीं,

अस्तित्व को बचाए रखने के लिए भी

जरूरी होती है…

नकाब

भरी महफिल में

या भीड़ भरी सड़क पर

संभ्रांत मुस्कान पहने खिलखिलाता हुआ चेहरा नहीं,

किसी अनजान सुनसान जगह पर,

किसी कमजोर, निरीह के सामने

चेहरे पर आया हुआ भाव ही

असल चेहरा होता है…..



परिचय


नाम - हरदीप सबरवाल


शिक्षा - MA (English) पंजाबी यूनीवर्सिटी पटियाला से


लेखन विधा- कविता और कहानी


लेखन भाषा - हिंदी, इंग्लिश और पंजाबी


प्रकाशन

उनकी रचनाऐं विभिन्न ऑनलाइन और प्रिंट पत्रिकाओं में जैसे The Larcenist , Zaira Journal, PIN Quarterly Journal, Literature Online, The Writers Drawer, Quail Bells, NY Literary Magazine, In-flight literary Magazine, Toplogy magazine, Amomancies Magazine, Literary Yard, Alive, The Taj Mehal Review, जनकृति इंटरनैशनल मैगजीन, हस्ताक्षर वैब पत्रिका, सेतू मैगजीन, दिल्ली पत्रिका, नवल, दृष्टि, लोक हस्ताक्षर, हस्तक्षेप मैगजीन, साहित्य सुधा, नवपल्लव मैगजीन, साहित्य एक्सप्रेस, परिकल्पना समय, साहित्य कलश, जयदीप पत्रिका, सुखनवर पत्रिका, पुरवाई पत्रिका, प्रतिमान और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है. Spectrum publishing house UK published a poetry book Faceless( English) अब तक ६ सांझा संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित काव्य संग्रह "और कितने दुर्योधन" Shabdahuti प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित अनुवाद - दविंदर पटियालवी की पंजाबी लघु कथाओं का हिंदी अनुवाद उड़ान बोधि प्रकाशन से प्रकाशित


सम्मान और उपलब्धियां २०१४ में उनकी कविता HIV Positive को Yoalfaaz best poetry competition में प्रथम स्थान मिला। 2015 में उनकी कविता The Refugee's Roots को The Writers Drawer International poetry contest में दूसरा स्थान मिला. 2016 मे उनकी कहानी "The Swing" ने The Writers Drawer short story contest 2016 में तीसरा स्थान जीता . प्रतिलिपी लघुकथा सम्मान 2017 में इनकी में तृतीय स्थान मिला. Two times winner of 10 days poetry challange by poets in Nigeria प्रतिलिपि कविता सम्मान 2019 से सम्मानित आकाशवाणी पटियाला, आकाशवाणी जालंधर में कविता पाठ। लागोस के रेडियो पर भी इनकी कविता पढ़ी गई।


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