भारत ही नहीं विदेशों में भी समान धार्मिक वैचारिक परिवेश के लोगों का ध्रुवीकरण देखने मिलता है . कम से कम बसाहट में । यह ध्रुवीकरण किसी हद तक नैसर्गिक मानवीय व्यवहार है
मैं यहां न्यूयार्क में देखता हूं , क्वींस एरिया जैक्सन हाइट्स एरिया में या न्यूजर्सी में मिनी इंडिया क्षेत्र में बांग्लादेश , पाकिस्तान , भारत के लोग बड़ी तादात में बसे हुए हैं .
इसी इंडियन डायसपोरा को मोदी जी ने अपनी विदेश यात्राओं में अपना हथियार बना कर भारत की ताकत के रूप में प्रस्तुत करना शुरू किया है ।
न्यूयार्क में इन क्षेत्रों में बसे भारत में "अपना बाजार " , डी मार्ट , "पटेल ब्रदर्स" भारतीय सामानो का मार्ट , पान की दुकानें बहुतायत में हैं , किचन से लेकर उपयोग का हर भारतीय सामान मिलता है ।
भारतीय मिठाई, चाट फुल्की सहजता से सुलभ है.
यहां ऐसा लगता है कि मानो न्यूयार्क में सार्क देश बसे हुये हैं. पाकिस्तान , बांग्लादेश के लोग भी उसी आत्मीयता से मिलते बातियाते हैं , हमने एक पाकिस्तानी रेस्त्रां में जर्सी में बढ़िया गरमा गरम समोसे खाए।
बंगला देशी फुसकी का मजा जैक्सन हाइट्स एरिया में लिया । लगा सारा अखंड भारत ही उदर में पुनर्स्थापित कर लिया हो ।
बिना अंग्रेजी बोले भी इन क्षेत्रों में सारे काम किए जा सकते हैं .
खैर , यह मानवीय प्रवृत्ति है , वहां भारत में हम विदेशी कांटिनेंटल फूड ढूंढते हैं और यहां भारतीय भोजन मिल जाए तो धन्य हो जाते हैं।
विवेक रंजन श्रीवास्तव
87, मोनिटर स्ट्रीट, जर्सी सिटी , न्यू जर्सी 07304